मधुमेह क्या है?
जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। आजकल के इस भागदौड़ भरे युग में अनियमित जीवनशैली के चलते जो बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है वह है मधुमेह। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के आंकड़ों के अनुसार सन 2030 तक भारत में अनुमानतः 87 करोड़ लोगों के मधुमेह बीमारी से ग्रस्त होने की संभावना है | WHO एवं आई.सी.एम.आर के सन 2007 के एक सर्वे के अनुसार भारत में मधुमेह रोग कामन होता जा रहा है |
शहरों में 20 से 22 वर्ष से ऊपर की उम्र के युवा अपना समय डेक्स जॉब, काम का अधिक दबाव, अनियमित खान-पान, जंक फूड का सेवन, रात में देर से सोना, प्रातः काल देर से जागना, व्यायाम न करना, देर रात्रि तक काम करना आदि विभिन्न दबावों में बिता रहे हैं | जिससे उनमें हार्मोनल असंतुलन और स्लीव-डिसार्डर जैसी समस्याएं देखने को मिल रही है | कम उम्र से ही युवाओं में वजन बढ़ने, शारीरिक मुद्रा में बदलाव आने, पाचन क्रिया प्रभावित होने के मामले देखने को मिल रहे हैं | लम्बे समय तक भूखा रहना और कम शारीरिक परिश्रम जैसे ये प्रीडायबिटिक लक्षण अंततः व्यक्ति को मधुमेह की ओर ले जाते हैं |
ऐसी हस्तियां जिन्हें है मधुमेह की बीमारी ( Sone Celebrities Living With diabetes)
सोनम कपूर
आपको पता होगा कि बालीवुड में आने से पहले सोनम का वजन कितना ज्यादा था और उन्हें मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी भी थी, पर उन्होंने सही खान पान रखा और सही समय पर इन्सुलिन ली। जिससे वे मधुमेह जैसी बीमारी को कंट्रोल कर सकीं। इतने सख्त खान पान के बाद आज सोनम कपूर का नाम बहुत बड़ी अभिनेत्रियों में लिया जाता है।
कमल हासन
कमल हासन दक्षिण सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता हैं। यह भी मधुमेह जैसी बीमारी से पीड़ित हैं,आज भारत की 5% आबादी मधुमेह से पीड़ित है। इस बीमारी ने इनका हौसला नहीं तोड़ा और आज ये मधुमेह जैसी बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
सलमा हायेक
इस खूबसूरत अभिनेत्री को अपनी गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की बीमारी का पता चला, उन्होंने एक अमेरिकन बेबी मेगजीन को बाताया कि यह बीमारी इनके यहाँ पीढ़ियों से चली आ रही है। उन्होंने बाताया कि पहले उन्हें इस बीमारी का पता नहीं चल पाया था, और यह बीमारी उन औरतों को ही होती है जिनका ब्लड शुगर लेवल गर्भावस्था के दौरान बढ़ जाता है।
मधुमेह कैसे होता है?
इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ी होने के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है। पहली श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।
मधुमेह रोग के मुख्य लक्षण
मधुमेह रोग के मुख्य लक्षण है अधिक भूख लगना (Polyphagia), अधिक मात्रा में मूत्र त्याग होना (Polyuria), अधिक प्यास लगना (Polydipsia) तथा भार में कमी व अति दुबला शरीर होना आदि |
मधुमेह से शरीर के कौन से अंग प्रभावित होते हैं
मधुमेह ऐसी बीमारी है जिसका असर दूसरे अंगों पर पड़ता है। हालांकि इस बीमारी में दूसरे अंगों में इसका असर नहीं दिखता है लेकिन अगर ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक बढ़ जाये तो इसके कारण 5-10 साल में दूसरे अंग भी प्रभावित होते हैं। इसके कारण गुर्दे में, आंखों में, पैर की नसों में कुछ खराबी आ सकती है। दिल की बीमारी के बढ़ने की संभावना सबसे अधिक रहती है। इसके कारण लकवा होने और पैर में रक्त संचार बाधित होने का खतरा अधिक रहता है। इसके कारण अगर कोई आर्टरी ब्लॉक होती है तो हार्ट अटैक हो सकता है। इसके अलावा ब्रेन में भी रक्त की सप्लाई बाधित होने से ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। यह स्थिति अचानक से नहीं आती है बल्कि यह 10 साल पुराने इतिहास के कारण होता है। इसके अलावा माइक्रोवैस्कुलर संबंधित समस्यायें होने लगती है, यह किडनी से संबंधित है, अगर यह हो जाये तो उपचार मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा यह आंखों को भी प्रभावित करती है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए ये वीडियो देखें।
मधुमेह रोगी का आहार.
उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति की लंबाई 5 फुट 4 इंच है तो उसका आदर्श वजन 55 किग्रा होना चाहिए। व्यक्ति की क्रियाशीलता यदि कम है, जैसे कि वह बैठे-बैठे कार्य करता है तो उसे 2400 कैलोरी लेना चाहिए।
डायबिटिक हो तो इसका 5 प्रश कम अर्थात 2280 कैलोरी आहार उसके लिए सही रहेगा। यदि वह मोटा हो तो उसे 200-300 कैलोरी और घटा देना चाहिए। ब्लड ग्लूकोज लेवल फास्टिंग 70-110 मिलीग्राम/ डीएल व खाना खाने के 2 घंटे बाद का 100-140 मिलीग्राम डीएल बना रहे। इसके लिए इन्हें खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 45 मिनट से 1 घंटा तीव्र गति से पैदल चलना या अन्य कोई भी व्यायाम करना चाहिए।
मधुमेह में योग
योग अत्यन्त जरुरी मधुमेह में
योग के कुछ आसनों एवं प्राणायाम को रोज करना जहाँ स्वस्थ रहने कि कुँजी है, वहीं मेडिकल साइन्स ने भी इनके अभूतपूर्व लाभ कि पुष्टि करा दी है। वैज्ञानिक तौर पर किये गये शोधों ने बताया है कि कुछ खास आसनों के प्रभाव से पैनक्रियाज के बीटा सेल्स तक रक्तप्रवाह बढ जाता है, ज्यादा आक्सीजन कोशिकाओं को मिलता है और मॄतप्राय बीटा-सेल्स मे नयी उर्जा आती है ताकि वहां से जयादा इन्सुलीन स्त्रावित हो सके। शारीरिक श्रम के अभाव में इन्सुलीन के रिसेप्टर आलसी होकर सोये रहते हैं जिससे ग्लुकोज रक्त से कोशिकाओं में नहीं जा पाता । योग के आसनों से इन्सुलीन कि संवेदनशीलता |
डायबिटीज के लिए जो महत्वपूर्ण आसन हैं उनको यहाँ बताया जा रहा है। इन हिदायतों को अवश्य ध्यान में रखें :–
- हमेशा खाली पेट ही योग क्रिया करें।
- यदि शाम में आसन या प्राणायाम करना हो तो करीब 4 घण्टे पहले से कुछ नहीं खाएँ।
- ढीले, हलके, आरामदायक वस्त्र पहनें।
- वायु यदि दुषित हो तो आसन ना करें।
- योगासन या प्राणायाम हमेशा योग्य प्रशिक्षक से शिक्षा लेकर ही करें। चिकित्सक से भी आकलन करवा लें कि आपके लिए क्या उपयुक्त है।